*"चैन से जीने के लिए*
*चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं* "।
*"पर ,बेचैनी से जीने के लिए चार मोटर*,
*दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!"*
"आदमी सुनता है मन भर ,,
*सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर*,,"
*और खुद ग्रहण नही करता कण भर ।।"*
जय श्री कृष्णा
*चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं* "।
*"पर ,बेचैनी से जीने के लिए चार मोटर*,
*दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!"*
"आदमी सुनता है मन भर ,,
*सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर*,,"
*और खुद ग्रहण नही करता कण भर ।।"*
जय श्री कृष्णा
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