मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
-
. मैं ही 'उत्पत्ति', मैं ही 'स्थिति' और मैं ही 'प्रलय' हूँ !!! भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च । अहङ्कार ...
-
*श्रेष्ठ वही है जिसमें...* *दृढ़ता हो, जिद नहीं.* *बहादुरी हो, जल्दबाजी नहीं.* *दया हो, कमजोरी नहीं.* *ज्ञान हो, अहंकार नहीं* *करूणा ह...
-
✍🏻🙏🏻 *मूल्यवान वाणी*🙏🏻 *अगर 'समझाने' से सभी समझ जाते न साहब* *तो 'बाँसुरी बजाने वाला' कभी महाभा...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें