कमियां तो मित्रो मुझमें भी बहुत है ,
पर मैं बेईमान नहीं ।
मैं सबको अपना मानता हूं
सोचता फायदा या नुकसान नहीं ।
एक शौक है खामोशी से जीने का ,
कोई और मुझमें गुमान नहीं ।
छोड़ दूं बुरे वक्त में आपका साथ ,
वैसा तो मैं इंसान नहीं ।।।।।।
जय श्री कृष्णा
पर मैं बेईमान नहीं ।
मैं सबको अपना मानता हूं
सोचता फायदा या नुकसान नहीं ।
एक शौक है खामोशी से जीने का ,
कोई और मुझमें गुमान नहीं ।
छोड़ दूं बुरे वक्त में आपका साथ ,
वैसा तो मैं इंसान नहीं ।।।।।।
जय श्री कृष्णा
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