रविवार, 10 दिसंबर 2017

*एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ ना

*एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था । उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था।*

*कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था।*

*वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था।*

*मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी स्थिति में यात्रियों की हड़बड़ाहट से नाव डूब जाएगी।*

*वह भी डूबेगा और दूसरों को भी ले डूबेगा।*

 *परन्तु कुत्ता अपने स्वभाव के कारण उछल-कूद में लगा था।*

 *ऐसी स्थिति देखकर बादशाह भी गुस्से में था।*

 *पर, कुत्ते को सुधारने का कोई उपाय उन्हें समझ में नहीं आ रहा था।*

*नाव में बैठे दार्शनिक से रहा नहीं गया।*

 *वह बादशाह के पास गया और बोला - "सरकार ! अगर आप इजाजत दें तो मैं इस कुत्ते को भीगी बिल्ली बना सकता हूँ ।"*

 *बादशाह ने तत्काल अनुमति दे दी।*
*दार्शनिक ने दो यात्रियों का सहारा लिया और उस कुत्ते को नाव से उठाकर नदी में फेंक दिया।*

 *कुत्ता तैरता हुआ नाव के खूंटे को पकड़ने लगा।*

 *उसको अब अपनी जान के लाले पड़ रहे थे।*

*कुछ देर बाद दार्शनिक ने उसे खींचकर नाव में चढ़ा लिया।*

*वह कुत्ता चुपके से जाकर एक कोने में बैठ गया।*

 *नाव के यात्रियों के साथ बादशाह को भी उस कुत्ते के बदले व्यवहार पर बड़ा आश्चर्य हुआ।*

 *बादशाह ने दार्शनिक से पूछा - "यह पहले तो उछल-कूद और हरकतें कर रहा था, अब देखो कैसे यह पालतू बकरी की तरह बैठा है ?"*
.
*दार्शनिक बोला -*
*"खुद तकलीफ का स्वाद चखे बिना किसी को दूसरे की विपत्ति का अहसास नहीं होता है।*

 *इस कुत्ते को जब मैंने पानी में फेंक दिया तो इसे पानी की ताकत और नाव की उपयोगिता समझ में आ गयी ।"

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जय श्री कृष्णा

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